Wednesday, February 25, 2009
chaa.Nd tanhaa hai aasmaa.N tanhaa
चाँद तनहा है आसमान तनहा
दिल मिला है कहाँ कहाँ तनहा
बुझ गई आस छुप गया तारा
थार थराता रहा धुंआ तनहा
जिंदगी क्या इसी को कहते हैं
जिस्म तनहा है और जान तनहा
हमसफ़र कोई गर मिले भी कहीं
दोनों चलते रहे तनहा तनहा
जलती बुझती सी रौशनी के परे
सिमटा सिमटा सा एक मकान तनहा
राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जायेंगे ये जहां तनहा
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